Kya hua
- क्या हुआ क्यों उदाशी चेहरे पे छाई हैँ
- कोई बात हैँ जो अब तक मुझसे छुपाई हैँ
- तो क्या हो क्यों नजरें मुझसे चुराई हैँ
- क्या कोई ऐसी खाता तो नही की जिसमे हमारी rushbai हैँ
- तो फिर ये मुंह फेर कर बात करने का सबब क्या हैँ
- यू ज़रा ज़रा बात पर चिढ़ने का सबब क्या हैँ
- मुझसे नाराज हो क्या मेरी किसी बात ने चोट पहुंचाई हैँ
- बैसे अब कुछ बदले बदले से नजर आते हो
- मैं तो तुम्हारे साथ हूँ फिर क्यों इतनी रात तुम्हारी आँख भर आई हैँ
- और कुछ दिनों से बढ़ गया हैँ उसे व्हाट्सप्प का किसके साथ इतना बक़्त बिताते हो
- क्या कोई मुझसे इम्पोर्टेन्ट हो गया हैँ क्यों जल्दी मेरा फोन नही उठाते हो
- और जब कुछ हैँ ही नही तो क्यों मुझे ऑनलाइन देख ऑफलाइन हो जाते हो
- लास्ट सीन हाईड किया तुमने पर फिर भी तेरे हर सीन की खबर हैँ
- और अब आंशू ना बहा मैं उसे भी जनता हूँ जिसपर तेरी नजर हैँ
- अब ये बेबफाई सह ना पाऊँगा
- तू ख़ुशी से चली जा कोई ज़ुलमना तुझ पर ढाओंगा
- पर याद रखना ये जाने से पहले घर किसी और का बसाने से पहले
- जो किया मेरे साथ किसी के साथ ना करना देख मुझ जैसा किसी को बर्बाद ना करना
- मेरी फिक्र छोड़ चंद खुशियाँ तेरे साथ होने से आई हैँ
- गम ना कर मेरी rushbai का खुशियाँ मना अपनी तो किस्मत मे सिर्फ तन्हाई तन्हाई तन्हाई हैँ
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