देश को देश ही रहने दो

देस को देश ही रहने दो यारो इसे जंगल ना बनाओ? 

खिलते है यहाँ प्यार के फूल इसे बंजर रन ना बनाओ? 

और कुछ हासिल ना होगा यू आपस मे बैर रखने से? 

हिन्दू मुस्लिम ना देखो सब एक साथ जय हिन्द का नारा लगाओ? 


अरे देश रहेगा तब ही देशबासी कहलाओगे? 

यू आपस मे कब तक खून की नदिया बहाओगे? 

अब तो हिन्द की मिट्टी भी देती है सदाए 
बंद करो खेलना खून की होली सब एक हो जाओ? 

पहले भी हिन्दू मुसलमान यहां रहते थे 
ये देश हैँ हम सब का बढ़ी शान से कहते थे?

और शायद तुम भूल चुके हो उस नारे को जो सबने मिलकर लगाया था? 


हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस मे सब भाई भाई कहकर तिरंगे को उठाया था?
 

और बहुत बहा लिए माँ ओ ने आँशु
 जबान बेटों को खो कर? 

अब किसी माँ का दिल ना दुखाओ भाई ही है हम सब बस अब समझ जाओ?
 

और ये चाल है दुश्मनाने हिन्द की कब जाके समझोगे? 


मत करो मेरे प्यारो देश के टुकड़े बस अब एक हो  जाओ?

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